समाज और पुरुषों के लिए एक सवाल छोड़ जाती है क्या सचमुच औरतों को कभी खुश होना नहीं आता ? समाज और पुरुषों के लिए एक सवाल छोड़ जाती है क्या सचमुच औरतों को कभी खुश होना नहीं...
वह सुरीली आवाज काफी देर तक कानों में गूँजती रही, लेकिन काम, व्यस्तता और केबिन में आने-जाने वालों की ... वह सुरीली आवाज काफी देर तक कानों में गूँजती रही, लेकिन काम, व्यस्तता और केबिन मे...
ज़ीरो साइज़ के चक्कर में अपने लिए मुसीबत खड़ी करके अपनी जान को दाँव पर रखना बेवक़ूफ़ी ह ज़ीरो साइज़ के चक्कर में अपने लिए मुसीबत खड़ी करके अपनी जान को दाँव पर रखना बेवक...
पेड़ हो या इन्सान अपनी जड़ों से अलग हो कर कब ज़िन्दा रह पाया है। पेड़ हो या इन्सान अपनी जड़ों से अलग हो कर कब ज़िन्दा रह पाया है।
अब हसूं ना तो क्या करूं?तुमने इल्जाम भी इतना प्यारा लगाया है कि मैं वर्णन नहीं कर सकती अब हसूं ना तो क्या करूं?तुमने इल्जाम भी इतना प्यारा लगाया है कि मैं वर्णन नहीं क...
अच्छा हुआ परी बेटा तुमने मेरी आँखें समय रहते ही खोल दी हैं । अच्छा हुआ परी बेटा तुमने मेरी आँखें समय रहते ही खोल दी हैं ।